मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में खाद्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है.खाद्य विभाग की टीम ने मेरठ के बिजली बंबा बाईपास के पास 4800 किलो मिलावटी मावा बरामद किया है। इस नकली मावे को मार्केट में खपाने की तैयारी थी। बताया गया कि चार लोग नकली मावे के साथ पकड़े गए हैं। बिजली बंबा बाईपास के पास मावे से भरे कैंटर पकड़ा गया है। अभिहीत अधिकारी दीपक सिंह ने बताया कि मावा का सैंपल लिया जा रहा और 4800 किलो मावे को नष्ट कराया जा रहा है।
खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारकर इन कैंटर को पकड़ा तो वो भी हैरान रह गई। ये कार्रवाई तो सिर्फ एक बानगी है। ऐसा जाल समूचे प्रदेश में फैला हुआ है। खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस मावे को दूसरे ज़िलों में भी खपाने की तैयारी थी। इस मावे को बोरों में भरकर ले जाया जा रहा था। खाद्य विभाग के अधिकारी दीपक सिंह ने NewsR11 को बताया कि प्रथम दृष्टया देखने से सूघने से ही ये मावा सड़ा हुआ लग रहा है। लिहाज़ा मावे का सैंपल लेकर तो जांच के लिए भेजा ही जा रहा है। ये मावा भी तत्काल प्रभाव से नष्ट कराया जा रहा है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने ये भी हमें बताया कि कैसे नकली मावा और असली मावा की पहचान प्राथमिक तरीके से की जा सकती है। साथ ही अधिकारियों ने ये भी बताया कि मावे में आमतौर पर पाउडर या फिर रिफाइंड ऑयल का भी इस्तेमाल किया जाता है।
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अधिकारियों का कहना है कि मावे में आमतौर पर पाउडर या फिर रिफाइंड ऑयल का भी इस्तेमाल किया जाता है। खाद्य विभाग के अधिकारी मिलावटी मावे की इतनी बड़ी खेप पकड़कर राहत की सांस ले रहे हैं, लेकिन ऐसे मिलावटखोर ज़िले ज़िले सक्रिय हैं।
अगर मावे को खाने से घी की खुशबू आती है। थोड़ा सा मावा ही हाथ पर लेकर देखने से ही उससे देशी घी की महक आती है तो समझिए वो मावा असली है और अगर मावे में नमकीन स्वाद आता है तो समझ जाइए कि मावा नकली है। अगर आप थोड़ा सा और सतर्क हो जाएं और टिंचर आयोडीन केमिकल मावे में मिक्स करके देखें। अगर मावे का रंग नीला हो जाता है तो वो खाने लायक बिलकुल भी नहीं है। उसमें स्टार्च मिला हुआ है। खाद्य विभाग का ये भी कहना है कि आप रंगीन मिठाईयां कतई न लें। क्योंकि उसमें मिलावट की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। खाद्य विभाग तो अपने स्तर से लोगों को जागरुक कर रहा है। मिलावटखोरों को पकड़ भी रहा है लेकिन आपका सतर्क रहना सबसे आवश्यक है।
