आगरा। ताज महल दुनिया का आठवां अजूबा कहा जाता है। रोजाना देश-विदेश से हजारों पर्यटक ताजमहल देखने आगरा आते हैं और ताजमहल के पास बने बाजार से अपनी पसंद की वस्तुएं खरीदते हैं। पर कल से ताजगंज में अनिश्चितकालीन बंदी होने जा रही है। कारोबारी अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को बंद कर देंगे और जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तब तक यह बंदी जारी रहेगी। यहां तक इस क्षेत्र में चाय की दुकानें भी बंद रहेंगी। ताज महल देखने वालों के लिए यह एक बड़ी मुसीबत हो जाएगी। वे चाय-पानी के लिए भी तरस जाएंगे।
अब यह बेसब्री हो रही है कि, ताजगंज में बंदी की वजह क्या है। तो जानें बीते 26 सितंबर को एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल की चहारदीवारी से 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश दिया था। एडीए ने इसके अनुपालन में क्षेत्रीय कारोबारियों को आगामी 17 अक्टूबर तक का समय व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करने के लिए दिया है।अब ताज महल के 500 मीटर के अंदर व्यावसायिक गतिविधि करने वाले दुकानदार मायूस हैं। सब परेशान हैं कि, आखिरकार आगामी 17 अक्टूबर के बाद क्या होगा।
आगरा विकास प्राधिकरण छूट देगा या कारोबार पर ताला लगेगा? बताया जा रहा है कि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कोई समयावधि नहीं है। संघर्ष समिति और ताजगंज डवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष नितिन सिंह ने बताया कि, सुप्रीम कोर्ट के अनुपालन में एडीए ने बिना किसी पूर्व सूचना के आगामी 17 अक्टूबर तक व्यावसायिक गतिविधियां बंद कराने के नोटिस चस्पा कर दिए हैं। ताजमहल के पास करीब 400 साल से गतिविधियां चल रही हैं। करीब 50 हजार लोग बेरोजगार हो जाएंगे। ताजगंज वेलफेयर फाउंडेशन अध्यक्ष एडवोकेट शालिनी शर्मा ने कहा कि, जनप्रतिनिधियों को ताजगंज के लोगों की कोई फिक्र नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की एडीए गलत व्याख्या कर रहा है।
